प्यार शायरी -Prem Shayari (In Hindi) प्रेम शायरी

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sacha prem shayari - प्यार शायरी -Prem Shayari (In Hindi) प्रेम शायरी


SACHA PREM


सच्चा प्रेम (@ sacha prem )

प्रेम धर्म का दुसरा नाम है। सच्चा प्रेम अमुल्य है। उसमे स्वार्थ नही होता। वह बदलता नही। वह शुद्ध और निर्मल होता है। वह सदैव बढ़ता है, कभी घटता नही। वह सहज होता है। प्रेम ऐसा ही होता है।

 

 

अपने लफ़्ज़ों से चुकाया है किराया इसका, दिलों के दरमियां यूँ मुफ्त में नहीं रहती,
 साल दर साल मै ही उम्र न देता इसको, तो ज़माने में मोहब्बत जवां नहीं रहती


ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो …..


हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो ….. 
वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार हैं आपको…. 
बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो ….


किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नही; 
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नही; 
गुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्या; 
यह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही!


जब भी तेरे बिना रात होती हैं ….. 
दीवारों  से अक्सर बात होती हैं ……… 
सन्नटा पूछता हैं हमारा हाल हम से ……
और बस तेरे नाम से ही शुरुआत होती हैं …..


दिल  का  रिश्ता  है  हमारा दिल  के  कोने  में  नाम  है  
तुम्हारा हर  याद  मैं  है  चेहरा  तुम्हारा
हम  साथ  नहीं  तो  क्या  हुआ ज़िन्दगी  भर  प्यार  निभाने  का  वादा  है  हमारा  ….


आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती हैं … 

आपकी याद बहुत बेकरार करती हैं .. 

जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से … 

तलाश आपको ये नज़र बार बार करती हैं …


एक सच्चा दिल सब के पास होता हैं ! ,
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता हैं !!
इंसान चाहे कितनो भी आम हो….!
वो किसी न किसी के लिए जरुर खास होता हैं !!


जब आंसू आए तो रो जाते हैं, जब ख्वाब आए तो खो जाते हैं, 

नींद आंखो में आती नहीं, बस आप ख्वाबो में आओगें,यही सोच कर सो जाते हैं.


नज़र जिसको तरसती हैं वो चेहरा नहीं मिलता बुत मिलते हैं फिर कोई तुझ सा नहीं मिलता किसे देखूं 

किसे चाहूँ किसे अपना समझूं जहाँ की इस भीड़ मैं कोई अपना नहीं मिलता


अगर तुम न होते तो गज़ल कौन कहेता, तुम्हरे चहेरे को कमल कौन कहेता, 

ये तो करिश्मा है मोहोब्बत का, वरना पथ्थर को ताज महल कौन कहेता ?


अगर तुम न होते तो गज़ल कौन कहेता, तुम्हरे चहेरे को कमल कौन कहेता, 
ये तो करिश्मा है मोहोब्बत का, वरना पथ्थर को ताज महल कौन कहेता ?


कुछ रिश्ते अनजाने में हो जाते हैं ! पहले दिल फिर जिंदगी से जुर जाते हैं !!
 कहते हैं उस दौर को दोस्ती….! जिसमे लोग जिंदगी से भी प्यारे हो जाते हैं !!


हर शख्स को दिवाना बना देता है इश्क, जन्नत की सैर करा देता है इश्क,
 दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत, हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क


बुझ ना जाए समय के साथ ये शोला अपने सांसो से ये आग जलाए रखना 
इश्क़ तुम से है कितना आज है बताना अपने दर पे यों नज़रें लगाए रखना


जब भी उसके नाज़ुक बदन को छूता हूं समंदर की लहरों सा महसूस करता हूं 
छुई मुई सी है मानो वह मेरी जानम एक छुवन से उसके मुरझाने से डरता हूं


हर शख्स को दिवाना बना देता है इश्क, जन्नत की सैर करा देता है इश्क,
 दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत, हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क


आपकी निगाहो से काश कोई इशारा होता,

ज़िंदगी मे मेरी जान जीने का सहारा होता.

फ़ना कर देते हम हर बंधन ज़माने के,

आपने एक बार दिल से पुकारा होता.


      Prem Shayari In Hindi For Girlfriend


निगाहे मिले जाए तो इश्क़ हो जाता हे,

पलखे उठे तो इज़हार हो जाता हे,

ना जाने क्या नशा हे मोहब्बत मे,

के कोई अंजान भी ज़िंदगी का हक़दार हो जाता हे.


कहते हैं लोग खुदा की इबादत है;

ये मेरी समझ में तो एक जहालत है;

चैन न आए दिल को, रात जाग के गुजरे;

जरा बताओ दोस्तों क्या यही मोहब्बत है।


प्यार शायरी



गिराकर बिजली दिल पर, वो दामन बचा लेते हे,
नज़रो से कतल करके वो नज़रे ही चुरा लेते हे.

दिल यूँना कभी उदास होता जो कोई अपना हमारे पास होता यूँ तो हमने साथ दिया अक्सर अपनों का पर काश किसी को हमारी तन्हाई का एहसास होता

हम  ने मोहब्बत के नशे में आ कर उसे
खुदा बना डाला,
होश तब आया जब उस ने
कहा कि खुदा किसी एक का नहीं होता।

शाम के बाद मिलती है रात, हर बात में समाई हुई है तेरी याद.
 बहुत तनहा होती ये जिंदगी, अगर नहीं मिलता जो आपका साथ. .

कोई हमसे कभी मिला नही और याद दिला गया कोई,
बात कभी की ही नही और खवाब दे गया कोई,
सिर्फ़ कोई हमे इतना ही बता दे की,
ये पागलपन हे या हमारा दिल चुरा ले गया कोई.

तुम दिल से हमें यों पुकारा न करो, यों तुम हमें इशारा न करो,
दूर हैं तुमसे ये मज़बूरी है हमारी, तुम तनहाइयों में यूँ तडपाया ना करो .......

मुझसे अक्सर वो एक ही सवाल पुचहति ह
तुम झे इतना प्यार क्यूँ करते हो.?
कोई जा कर बता दे उनको की,
ज़िंदगी भला किस को प्यारी न्ही होती..??

वो लाख तुझे पूजती होगी,
तू खुश न हो ए खुदा..!!
वो मंदिर भी जाती है तो
मेरी गली से गुजरने के लिये..!!!

सोचता हूँ कि अब तेरे दिल में उतर कर देखूं;
कौन है वहां, जो मुझको तेरे दिल में बसने नहीं देता!

आँखों में हया हो तो पर्दा
दिल का ही काफी है;
नहीं तो नक़ाब से भी होते हैं,
इशारे मोहब्बत के।

मोहब्बत सी हो गई है रातों से,
अब फोन पे रात कटती हैँ बातों से !!!!

जो इश्क़ करता हे उन्हे कोई माफ़ नही करता,
कोई भी उनके साथ इंनसाफ़ नही करता,
सब लोग इश्क़ को पाप कहते हे,
पर कोई ऐसा नही जो ये पाप नही करता.

ज़िंदगी एक फूल है और..
मोहब्बत उस का शहेद
प्यार एक दरिया है,
और महबूब उसकी सरहद.

मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!

क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है! एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है! लगने लगते है अपने भी पराये! और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!

मुहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं!
प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं!
मुद्दतें बीत जाती हैं किसी के इंतज़ार में!
ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नहीं!

कुछ चेहरे भुलाए नहीं जाते;
कुछ नाम दिल से मिटाए नहीं जाते;
मुलाक़ात हो न हो, अय मेरे यार;
प्यार के चिराग कभी बुझाए नहीं जाते।

मै बेवफा नही  बस यूँही बदनाम हो गया ,
लाखों चाहने वालिया है किस किस से वफ़ा करो

दिल कि बाते आते आते लबो पर क्यों रुक जाती हे,
फिर भी तेरी नज़र जानेमन हर बात केह जाती हे.




Prem shayari

यूँ ही मौसम की अदा
देखकर याद आया है,
किस क़दर जल्द बदल
जाते हैं इंसान, जाना|

prem shayari


कोई ठुकरा दे तू हंस के सह लेना;
मोहब्बत की ताबित में ज़बरदस्ती नहीं होती!

न मुसकाराने को जी चाहता है, न आसु बहाने को जि चाहता है लिखे तो क्या लिखे तेरी याद में तेरे पास लौटने को जि चाहता है।।



किसी की क्या मजाल थी;
जो हमें खरीद सकता;
हम तो खुद ही बिक गये;
खरीददार देख के।

हमें नहीं पता वो लोग क्यों धीरे से दिल में बस जाते हे,
जिन लोगो से कभी किस्मत के सितारे नहीं मिलते.

तुम राह में चुप-चाप खड़े हो तो गए हो;
किस-किस को बताओगे घर क्यों नहीं जाते।

प्यार किया है प्यार करेंगे,
ज़िंदगी भर तेरा इंतज़ार करेंगे,
अगर छोड़ दिया तूने तो,
यहा खड़े मौत का इंतज़ार करेंगे.

तुम्हें नींद नहीं आती
तो कोई और वजह हो;
अब हर ऐब के लिए
कसूरवार इश्क तो नहीं।

मेरे इन होंठों पर तेरा नाम अब भी है;
भले छीन ली तुमने मुस्कुराहट हमारी।

उस एक चेहरे ने हमें
तन्हा कर दिया वरना;​
हम तो ​अपने आप में ही
एक महफ़िल हुआ करते थे।

तपिश सूरज की होती है,
जलना ज़मीन को परता है,
क़ुसूर आँखों का होता है,
तडपना दिल को पडता है.

हाँ! मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं;
जा! किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।

गुलाब की महक भी फीकी लगती है,
कौन सी खुश्बू मुज़मे बसा गयी हो तुम,
ज़िंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा,
यह कैसा ख्वाब आँखो को दिखा गयी हो तुम.

खुशी से दिल को आबाद करना,
और गम को दिल से आज़ाद करना,
हमारी बस इतनी गुज़ारिस है की,
हमे भी दिन मे एक बार याद करना.

फ़िज़ा ओ का मौसम जाने पर बहारो का मौसम आया,
गुलाब से गुलाब का रंग तेरे गालो पर आया.



मैं क़ाबिल-ए-नफ़रत, हूँ तो छोड़ दो मुझको;
मगर यूं मुझसे दिखावे की मोहब्बत ना किया करो।

यु तो बीत ने को पूरी उम्र बीत जाती हे,
करना हो इंतज़ार तो दुरी एक पल कि सताती हे.

मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है;
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है​।एक पल कि सताती हे.

आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए.

ये इश्क़ के घाव बहुत गहरे है;
दर्द भी देते हैं और भरते भी नहीं।


प्यार शायरी



मुझे ही नहीं रहा
शौक ए मोहब्बत वरना ,
तेरे शहर की खिड़कियां
इशारे अब भी करती हैं ।

दुनिया की भिड मे एक दुआ है हमारी,
जीस मे मांगी हर खुशी तुम्हारी,
जब भी आप मुस्कुरए अपने दिल से,
समझो दुआ कबुल है हमारी.

डुबो दे अपनी कश्ती को,
किनारा ढूँढने वाले,
ये दरिया-ए-मोहब्बत है,
यहाँ साहिल नहीं होता|

वो इस चाह में रहते है के हम उनको
उनसे मांगे,
और हम इस गुरुर में रहते है के हम
अपनी ही चीज़ क्यूँ मांगे?

डुबो दे अपनी कश्ती को,
किनारा ढूँढने वाले,
ये दरिया-ए-मोहब्बत है,
यहाँ साहिल नहीं होता|

मुझे ही नहीं रहा
शौक ए मोहब्बत वरना ,
तेरे शहर की खिड़कियां
इशारे अब भी करती हैं ।

ये इश्क़ के घाव बहुत गहरे है;
दर्द भी देते हैं और भरते भी नहीं।

मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है;
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है​।एक पल कि सताती हे.

यु तो बीत ने को पूरी उम्र बीत जाती हे,
करना हो इंतज़ार तो दुरी एक पल कि सताती हे.

मैं क़ाबिल-ए-नफ़रत, हूँ तो छोड़ दो मुझको;
मगर यूं मुझसे दिखावे की मोहब्बत ना किया करो।

फ़िज़ा ओ का मौसम जाने पर बहारो का मौसम आया,
गुलाब से गुलाब का रंग तेरे गालो पर आया.


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