बेवफ़ा शायरी - हिन्दी में 2021 का बेहतरीन बेवफा शायरी
बेवफ़ा शायरी
अगर आप एक अच्छे दर्द भरी Bewafa Shayari के तलाश में है तो आप सही जगह पर है| यहाँ पर आपको छवियों के साथ बेहतरीन Bewafa Shayari देखने को मिलगा| अगर आपको भी किसी ने आपका दिल तोड़ दिया है या आपको प्यार में धोखा मिला है तो आपके लिए ये बेवफा शायरी {Bewafa Shayari} बहुत खास होगी। हमारे बेवफा शायरी आपके दर्द भरे दिल को किसी के साथ व्यक्त करने और किसी के साथ अपने दिल की बात साझा करके आपके दिल को हल्का करने में आपकी बहुत मदद करेंगे।
और मुझे उम्मीद है कि आपको हमारी यह Bewafa Shayari जरूर पसंद आयेगी| यदि आप हमारे बेवफा शायरी से संतुष्ट नहीं हैं, तो कृपया हमें अपनी राय कमेंट सेक्शन पर दें ताकि हम आपके लिए और अच्छी बेवफा शायरी ला सकें। अगर आपको यह पसंद आया, तो इसे अपने प्रियजनों के साथ साझा जरुर करें| आइए पढ़ते हैं कुछ बेहतरीन बेवफा शायरी हिंदी में
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ,
सामने न सही पर आस-पास हूँ,
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे,
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं!
गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!
तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा..
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा..!!
जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो,
दूरियों क होने से कोई फर्क नही पड़ता
आप कल भी हमारी थी और आज बी हमारी हो..
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता ‘ताज महल’
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में,
काश कि हमने तुम्हें इतने गौर से ना देखा होता।
हमने ज़िन्दगी बितायी आँख सिरहाने लेकर;
रात दुल्हन सी आयी ख़्वाब सुहाने लेकर।
तुम्हारी दुनिया से जाने के बाद;
हम तुम्हें हर एक तारे में नज़र आया करेंगे;
तुम हर पल कोई दुआ माँग लेना;
और हम हर पल टूट जाया करेंगे!
वो सज़दा ही क्या, जिसमे सर उठाने का होश रहे;
इज़हार-ए-इश्क़ का मजा तब, जब मैं बेचैन रहूँ और वो ख़ामोश रहे!
तराशा है उनको बड़ी फुर्सत से,
जुल्फे जो उनकी बादल की याद दिला दे,
नज़र भर देख ले जो वोह किसी को,
नेकदिल इंसान की भी नियत बिगड़ जाए.
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे
फिर से आज जीने की वजह मिल गयी
तुम मिले तो लगा मुझे ऐसे,
पिछले जन्म की बिछड़ी मेरी रूह मिली हो मुझे जैसे
गहराई प्यार में हो तो बेवफाई नहीं होती;
सच्चे प्यार में कहीं तन्हाई नहीं होती;
मगर प्यार ज़रा संभल कर करना मेरे दोस्त;
प्यार के ज़ख्म की कोई दवा नहीं होती।
वो सामने थी और हम पलके उठा ना सके;
चाहते थे पर पास उनके जा ना सके;
ना देख ले वो अपनी तस्वीर हमारी आँखों में;
बस यही सोच कर हम उनसे नज़रे मिला ना सके।
वो सामने थी और हम पलके उठा ना सके;
चाहते थे पर पास उनके जा ना सके;
ना देख ले वो अपनी तस्वीर हमारी आँखों में;
बस यही सोच कर हम उनसे नज़रे मिला ना सके।
दूर जाकर भी हम दूर जा ना सकेंगे;
कितना रोयेंगे हम बता ना सकेंगे;
गम इसका नहीं कि आप मिल ना सकोगे;
दर्द इस बात का होगा कि हम आप को भुला ना सकेंगे।
ना चाहो किसी को ऐसे कि;
चाहत आपकी मज़बूरी बन जाए;
पर चाहो किसी को इतना कि;
आपका प्यार उसके लिए जरुरी बन जाए।
तेरे इश्क का बुखार है मुझको;
और हर चीज खाने की मनाही है;
एक हुस्न के हकीम ने सिर्फ;
तेरे चमन की मौसमी बताई है।
जो आपने न लिया हो, ऐसा कोई इम्तिहान न रहा;
इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहा;
है कोई बस्ती, जहां से न उठा हो ज़नाज़ा दीवाने का;
आशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा।
अपनी तो यारो बस इतनी सी कहानी है;
कुछ तो खुद से ही बर्बाद थे;
कुछ इश्क की मेहरबानी है।
जिस दिल में बसा था प्यार तेरा;
वो दिल तो कभी का तोड़ दिया;
बदनाम ना होने देंगे तुझे इसलिए;
तेरा नाम भी लेना छोड़ा दिया।
ना रूठना हमसे हम मर जाएंगे;
दिल की दुनिया तबाह कर जाएंगे;
प्यार किया है हमने कोई मज़ाक नहीं;
दिल की धड़कन तेरे नाम कर जाएंगे।
तेरे बगैर इस ज़िन्दगी की हमें जरुरत नहीं;
तेरे सिवा हमें किसी और की चाहत नहीं;
तुम ही रहोगे हमेशा मेरे दिल में;
किसी और को इस दिल में आने की इजाज़त नहीं।
रुलाना हर किसी को आता है;
हँसाना भी हर किसी को आता है;
रुला के जो मना ले वो सच्चा यार है;
और जो रुला के खुद भी रो पड़े वही सच्चा प्यार है।
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना;
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर;
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
बेवफा तो वो खुद हैं, पर इल्ज़ाम किसी और को देते हैं;
पहले नाम था मेरा उनके लबों पर, अब वो नाम किसी और का लेते हैं।
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं;
दूर है वो मुझसे पर मैं उससे ख़फ़ा नहीं;
मालूम है कि वो अब भी प्यार करता है मुझसे;
वो थोड़ा सा ज़िद्दी है मगर बेवफ़ा नहीं।
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं;
दूर है वो मुझसे पर मैं उससे ख़फ़ा नहीं;
मालूम है कि वो अब भी प्यार करता है मुझसे;
वो थोड़ा सा ज़िद्दी है मगर बेवफ़ा नहीं।
कभी करीब तो कभी जुदा था तू;
जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू;
मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था;
पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।
ज़िंदगी से बस यही एक गिला है;
ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है;
हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के;
पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।
महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है;
ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है;
कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे;
आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।
आग दिल में लगी जब वो खफा हुए;
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए;
करके वफ़ा कुछ दे ना सकें वो;
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।
ज़िन्दगी से बस यही गिला है;
ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है;
हमने तो उनसे वफ़ा की थी;
पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है।
कभी करीब तो कभी जुदा है तू;
जाने किस-किस से खफा है तू;
मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं था;
पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।
वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन;
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले;
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था;
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने;
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने;
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी;
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
जीने की तमन्ना बची कहाँ है;
भुलाया जो है हमें आपने;
यह तो बेवफ़ाई की हद ही है;
जिसे पार किया था हमने।
मेरी मौत के सबब आप बने;
इस दिल के रब आप बने;
पहले मिसाल थे वफ़ा की;
जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।
कभी हम भी इसके क़रीब थे;
दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे;
मगर आज ऐसे मिला है वो;
कभी पहले जैसे मिला ना हो।
कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में;
वैसे संभालना हम भी जानते थे;
ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से;
जिसे हम अपना मानते थे
एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैं;
टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं;
तूने ठुकराया जिसको अपनाकर;
उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं।
एक तेरी खातिर परेशाँ हूँ मैं;
टूटे दिलों की जुबाँ हूँ मैं;
तूने ठुकराया जिसको अपनाकर;
उसी दीवाने का गुमां हूँ मैं।
महफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती है;
मिलें ना सही, जुदाई तो मिलती है;
प्यार में कुछ नहीं मिलता;
वफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है।