Breakup shayari in hindi collection for Whatsapp and Facebook
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खास तौर पर प्यार मै धोखा को दर्साता है। अपनि दिल कि बात शायरी के माध्यम से अपने चाहने वालो को जताने का यह तरिका बहुत सहि मना जाता है।
मुझे मालूम है तुम बहुत खुश हो इस जुदाई से अब बस ख्याल रखना तुमको हम जैसे नहीं मिलेगा
एक बात पूछें तुमसे… जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें… जो इश्क हमसे सीखा था अब वो किससे करते हो… ।
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें
दूर होके तुमने अपने प्यार का सबूत दे दिया, मेरा दिल लेकर तुमने उसका क़त्ल कर दिया ! कभी जिस दिल पर प्यार के फूल खिले थे, उस दिल के ज़मीं को तुमने बंज़र कर दिया !
मुझे मुझसे ज्यादा तुम समझते थे अब तक ये सोचते थे, पर तुमने दूरियां बढ़ा ली जब तब पता चला तुम क्या थे !
उनसे दूर इसलिए रहता हु क्योकि उनकी ख़ुशी किसी और के साथ है और मेरी ख़ुशी उनकी ख़ुशी में है
"मीठी रातो में धीरे से आ जाती है एक परी कुछ खुसी के सपने लाती एक परी कहती है कि सपनो के सागर में डूब जाओ भूल के सारे दर्द जल्दी से सो जाओ" .।
याद आते है तो जरा खो लेते है, आशु आखो मे उतर आए तो जरा रो लेते है.. निद आखो मे आति नहीं लेकिन, आप ख्वाबो मे आए यहि सोच कर सो लेते हैं..
कर के मोहब्बत हम से, तु किसि और के पास है.., हम तो सब कुछ दे देते तुम्हे, जो हमारे पास है ..
आजतक तुम मुझे पहचान ना पाए; खुद ही की है बेवाफाई तुमने; ताकि तुम पर इल्ज़ाम ना आए! ❞
"हमने भी किसी से प्यार किया था, हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था, भूल उनकी नहीं भूल तो हमारी थी , क्यों की उन्हो ने नही, हमने उनसे प्यार किया था."
Nऊपर वाले से बस एक ही सवाल है अगर मोहब्बत लिखी तो साथ क्यों नहीं
लब्जो की कमी है आज कल जनाम क्या बताये हाल अब दिल की मरम्मत चल रही है
मोहब्बत मैं कुछ ऐसा कर जाना ही बनता है मैं जिन्दाहूँ मगर मेरा मर जाना बनता है !!”
राह ऐ मोहब्बत में मुसाफिर रुका नहीं करते… कदम तो गिन सकते हैं पर जख्म गिना नहीं करते…
दिन हुआ है तो रात भी होगी मत हो उदास कभी तो उससे बात होगी वो प्यार है ही इतना प्यारा ज़िंदगी रही तो फिर मुलाकात होगी !
जब वो कभी तन्हा होंगे याद उनको भी मेरी आएगी,आज ये दिल्लगी हमे रुला रही है कल उन्हें भी तड़पायेगी ! ।
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मैं लोगों से मुलाक़ातों के लम्हें याद रखता हूँ मैं बातें भूल भी जाऊं पर लहज़े याद रखता हूँ जरा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रवायत से जो सहारा देते हैं वो कन्धे हमेशा याद रखता हूँ. .
"अपने हिस्से की ज़िन्दगी तो हम जी चुके, अब तो बस धडकनों का लिहाज़ करते हैं, क्या कहें दुनिया वालो को जो, आखरी सांस पर भी ऐतराज़ करते हैं." ।।
रुठि हो अगर जिंदगी तो मना लेंगे हम, मिले जो गम अगर वो भि सह लेंगे हम, बस साथ रहना हमेशा साथ हमारे तो, निकलते हुए आशुओ मैं भि मुस्कुरा लेंगे हम..
अपनी तो मोहब्बत की यही कहानी है, टूटी हुई कश्ती ठहरा हुआ पानी है, एक फूल किताबोँ मेँ दम तोड़ चुका है, मगर याद नहीँ आता ये किसकी निशानी है. ❞
वो लोग जो तुमको कभी कभी याद आते है कभी हमको भी इन में शामिल करना
गम की परछाईयाँ और यार की रुसवाईयाँ… वाह रे मोहब्बत ! तेरे ही दर्द और तेरी ही दवाईयाँ…
तेरे ऊपर आग्या दिल भोले भाले जाट का, तेरी हां की बाट मैं बेठ्या छोरा जाट का!
तुम पुछो और मैं ना बताऊँ अभी ऐसे हालात नहीं… बस एक छोटा सा दिल टुटा है और कोई बात नहीं…
उन्हें अगर प्यार होता तो वो हमारे दिल को समझ सकते थे. हमें झूठा कहने वाले खुद के वादों का लिहाज़ कर सकते थे!जिस तरह उन्होंने मुझसे दूर जाने का बहाना बनाया, उसी तरह वो मेरे पास रहने का बहाना भी बना सकते थे !
इश्क़ ही नहीं समझी में, हम सब कुछ गवाह बैठे, उसे ज़रूरत थी यार खिलोने की और हम तो अपना दिल ही थमा बैठे. |
"जाने दो ना, जो भी हुआएक नई दुनिया बसाओजब वो नयी ज़िन्दगी शुरू कर सकते हैंतो तुम भी उन्हें भूल जाओ"
यु नजरो से आपने बात कि और दिल चुरा ले गए, हम तो समझ्ते थे अजनबि आप को ,पर.. दे कर एक मुस्कुराहट अपनि, आपने तो हमे अपना बना गये..
तेरा ख्याल सही है के वो खूबसूरत है मुझे हसीं यार से नहीं अपने जान से मोहब्बत है
इश्क में मेरा नसीब देख मेरी तकदीर रोने लगी… लहू के अल्फाज देख मेरे दुश्मन भी रोने लगे…
इश्क की हमारे बस इतनी सी कहानी है तुम बिछड गए हम बिख़र गए तुम मिले नहीं और हम किसी और के हुए नही
तुम्हे हमने चाहा पर तुम अपना भी न बना पाये हमको, नफरत तो बहुत हुआ था पर आज भी हम न भुला पाये तुमको !
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वो छोड़ के गए हमें; न जाने उनकी क्या मजबूरी थी; खुदा ने कहा इसमें उनका कोई कसूर नहीं; ये कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी
"एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जायेंगे, रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आयेंगे, जब साथ ना दे कोई तो आवाज़ हमे देना आसमान पर भी होंगे तो लौट आयेंगे।" !
तू मत कर मुझे माफ़ में गुन्हेगार ही रहना चाहता हूँ क्युकी में इस बार रोया और रोना नहीं चाहता हूँ,
रुक्सत यार का भी क्या मंजर था यारो हमने खुद को खुद से बिछडते देखा
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे… खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया…
गलत फहमी का अहसास तो तब हुआ… जब हमने कहा… रुको… मत जाओ… और वो समझे… रुको मत… जाओ…
सोचता रहा ये रातभर करवट बदल बदल कर जानें वो क्यों बदल गया, मुझको इतना बदल कर
प्यार के बदले प्यार नहीं मिला कोई गम नही मुझे, पर वफ़ा के बदले वफ़ा नहीं मिला ये सहन नहीं मुझे ! …
मुझे उससे कोई शिकायत ही नहीं, शायद हमारी किसमत में चाहत ही नहीं, मेरी तकदीर को लिखकर खुदा भी मुकर गया, पूछा तो बोला ये मेरी लिखावट ही नही..
"हर दफा भूल जाता हूं, रोज उसकी गली में चला जाता हूं, दिल आज भी मेरे साथ वापस लौट के नहीं, आया मैं हर दफा अकेला ही लौट आया हूं."
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर दिलों को तोड़ देते हैं ! तुम मंजिल की बात करते हो लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं.
मैं खुद को तुझ से मिटा लुँगा बडी ऐहतिहात के साथ तो बस निशाँ लगा दे जहाँ जहाँ मैं बसा हुआ हुवा हूँ
अड़े थे जिद पर कि उसे चाँद बना कर छोड़ेंगे… पसीने छूट गए एक दीया बनाने में… मेरी निगाह में वो शख्स इन्सान भी नहीं है… जिसे लगा है जमाना खुदा बनाने में…
मोहब्बत की सजा बेमिसाल दी उसने… उदास रहने की आदत सी डाल दी उसने… मैंने जब अपना बनाना चाहा उसको… बातों बातों में ही बात टाल दी उसने…
उजड़ जाते हैं सर से पाँव तक वो लोग जो किसी बेपरवाह से बे-पनाह मोहब्बत करते हैं
चुप रहना भी प्यार होता है, दिल को दिल पर विश्वास होता है ! फिर कैसे टूट जाते हैं रिश्ते आसानी से, जब खुद से ज्यादा कोई किसी और का होता है !
गलतियां मेरी तुम्हे अक्सर ही दिखीं हैं, काश प्यार को भी झांककर देखा होता ! दिल को दिल से अगर तुम कभी परखते, धड़कन बनाकर तुम्हे रखा है तुमने देखा होता !